योगी सरकार ने 2025 बजट में दिया तोहफा: 20 फरवरी से आउटसोर्स कर्मियों का मानदेय 20K, पर क्या ये राहत या झूठी उम्मीद?
लखनऊ, 20 फरवरी 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए 9 लाख आउटसोर्स कर्मियों के लिए बड़ी घोषणा की। सरकार ने इन श्रमिकों का न्यूनतम मासिक मानदेय 16,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दिया है। ये फैसला "श्रम सम्मान योजना" के तहत लिया गया है, लेकिन सवाल ये है कि क्या ये ऐलान महंगाई के मारे कर्मियों के लिए "जीवनरेखा" बनेगा या फिर "चुनावी jhumla"? पूरी सच्चाई जानिए...
"इस बार सरकार ने दिल से सोचा!" – आउटसोर्स नर्स की आवाज़
कानपुर की एक सरकारी हॉस्पिटल में काम करने वाली आउटसोर्स नर्स प्रियंका बताती हैं: "पिछले साल 16K में rent और बच्चों की fees के बीच जूझते-जूझते थक गई थी। नए बजट में 20K मिलेंगे तो अब medical bills भर पाऊंगी। पर सरकार, कृपया एजेंसियों पर स्ट्रिक्ट एक्शन लें, नहीं तो ये हवाई घोषणा रह जाएगी!"
प्रियंका जैसे लाखों कर्मचारियों की उम्मीदें अब सरकार के execution पर टिकी हैं।
क्यों मिली ये बढ़ोतरी? – Behind the Scenes कहानी
1. 2027 विधानसभा चुनाव का दबाव: यूपी में आने वाले 2 साल में चुनाव है। सरकार labour votes को टार्गेट कर रही है।
2. महंगाई का आंकड़ा: 2024-25 में खाद्य महंगाई दर 8.2% रही। 16 हजार में survival मुश्किल था।
3. श्रमिक संघों का प्रोटेस्ट: पिछले साल contract workers ने लखनऊ में "हमें पेंशन दो" का ऐलान किया था।
खुशी या चिंता? – Ground Report से जानिए हकीकत
"20हजार भी कम हैं!" – गोरखपुर के एक आउटसोर्स टीचर अमित कहते हैं: "दिल्ली में तो peon को भी 25K मिलते हैं। हम skilled हैं फिर भी गरीबी में।"
एजेंसियों का घपला: कर्मचारियों का आरोप – "PF काटते हैं पर रिटर्न नहीं देते। अब 20हजार में से 18हजार ही मिलेंगे?"
सुविधाओं की कमी: मानदेय बढ़ा, पर health insurance या gratuity जैसी चीजें अभी भी daydream हैं।
FAQ: आपके सवाल, हमारे जवाब
Q: ये बढ़ोतरी कब से लागू होगी?
Ans: सरकार के मुताबिक, 1 अप्रैल 2025 से। लेकिन reality में एजेंसियां delay कर सकती हैं।
Q: क्या सभी विभागों के कर्मचारियों को फायदा मिलेगा?
Ans: हां, चाहे education, healthcare या transport सेक्टर हो, सभी 9 लाख कर्मी कवर होंगे।
एक्सपर्ट व्यू: "ये कदम अधूरा है!"
लखनऊ यूनिवर्सिटी के इकोनॉमिक्स प्रोफेसर डॉ. राजीव मिश्रा कहते हैं: "मानदेय बढ़ना सराहनीय है, लेकिन सरकार को permanent jobs बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए। ठेका प्रथा exploitation को बढ़ावा देती है।"
निष्कर्ष: "ये बजट किसके लिए?"
योगी सरकार ने 2025 के बजट में आउटसोर्स कर्मियों को राहत देने का दावा किया है। पर सच्चाई तो तब पता चलेगी जब कागज पर लिखी बातें जमीन पर उतरेंगी। अगर एजेंसियां ट्रांसपेरेंट रहीं और सरकार monitoring करे, तो ये फैसला गेम-चेंजर साबित हो सकता है। नहीं तो... "नौ लाख कर्मी, फिर भी खाली हाथ!"
हमें कमेंट करके बताएं: क्या आउटसोर्स कर्मचारियों को 20 हजार/month मिलना चाहिए या permanent job की मांग सही है?
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